📝 प्रियंका झा
खुशी छी हम मां आहां संग रहिक
खुशी छी हम पपा आहां संग रहिक।।
उगैछै चान जेना पूर्णिमाके रातिमे।
खुशी छी हम अहाँ सबहक संगमे।।
डमडम बजै छै जखन मेघरानी।
झुमै छी सदखन मादल बजाक ।।
चमैक उठैय आहांक ठोरक हसि ।
मुस्कै छी हम गुलाबक कलि जकाँ।।
नदी खुशी रहैया जल सँ।
पंक्षी खुशी रहैया गाछ पर।।
नयां उमंग छै खुशी के हमर।
रहिक सदखन मां के आंचल में।।
खुशी सबदिन राति में अबै छै।
निंद भरपूर अहाँ लग होइछै।।
हम किय दुखी होउ पापाके संग छै।
निरासो नै होब जखन माँ हमर संग छै।।
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