विन्देश्वर ठाकुर
हासब आहाँ संगे हमरा नीक लागए
बाजब अहाँ संगे हमरा नीक लागए
मयुर बनिक हम अहाँ मौरनी बनिक
नाँचब अहाँ संगे हमरा नीक लागए
कली गुलाबक अहाँ,हम छी डोर नेहक ये
माला गाथब अहाँ संगे हमरा नीक लागए
करी चैटिङ फेसबूक आ कखनो वाट्स एप्प सँ
रातिभरि जागब अहाँ संगे हमरा नीक लागए
अहाँ राधा हम मोहन जग जानैछै
प्रेम मांगब अहाँ संगे हमरा नीक लागए
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